‘जब तक काले कानून वापस नहीं होंगे, लड़ाई चलती रहेगी’ : मथुरा में किसान पंचायत में अखिलेश ने कहा – ‘the fight will continue till the black laws are back’, said akhilesh at the kisan panchayat in mathura

उन्होंने किसानों के आंदोलन को मजबूत बताते हुए कहा, ‘‘जिस तरह से आप लड़ाई लड़ रहे हैं, भाजपा को पता चल गया है कि अब किसान नहीं रुकने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक काले कानून वापस नहीं होंगे, यह लड़ाई चलती रहेगी।’’
यादव ने कहा, ‘‘महापंचायत में मुझे लाठी भेंट की गई है। हम और जयंत (चौधरी) यह जानते हैं कि लाठी कब, और कहां पर चलानी है।’’
किसान महापंचायत का आयोजन सपा और रालोद की ओर से संयुक्त रूप से किया गया था। मंच पर यादव के साथ रालोद उपाध्यक्ष एवं मथुरा से पूर्व सांसद जयंत चौधरी भी मौजूद थे।
किसान महापंचायत के मंच से दोनों नेताओं ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
किसानों से संवाद स्थापित करते हुए सपा मुखिया ने कहा, ‘‘भाजपा की सरकार ने नोटबंदी की थी, उससे क्या कालाधन वापस आया ? इसी प्रकार जबरिया जीएसटी कानून लागू किया। इससे कौन सा कारोबार बढ़ गया ?’’
उन्होंने सरकार पर जनता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाया, लेकिन भाजपा सरकार ने अपनी दोनों आंखें और कान बंद कर रखे हैं। उसे किसानों का दर्द सुनाई नहीं दे रहा। वादे के मुताबिक क्या किसानों की आय दोगुनी हुई है ? उल्टे, इस सरकार ने डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ा दी हैं। जिससे आम आदमी हलकान है।’’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए यादव ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री कहने को तो ‘‘योगी हैं, लेकिन योगी वही होता है, जो दूसरों का दुख अपना समझे। लेकिन वे दूसरों का दुख तो समझते नहीं। उल्टे लाल टोपी दिखे तो भड़क जाते हैं।’’
यादव ने कहा कि हमें नहीं पता कि लाल रंग देखकर कोई क्यों भड़क रहा है ? अखिलेश ने कहा कि भाजपा साजिश रचने वाली पार्टी है। इसने हमें बांटकर सत्ता पाई है। लेकिल अब किसान एकजुट हो गया है। 2022 में वह भाजपा को सबक सिखाने के लिए सत्ता से जरूर हटाएगा।
रालोद उपाध्यक्ष चौधरी ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के लोग किसानों को अपमानित कर रहे हैं। यह सरकार घमंड में डूबी है। इसका घमंड तोड़ना होगा।’’
मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कहने को तो वह फकीर हैं, लेकिन ऐशोआराम की जिंदगी काट रहे हैं।