HIMACHAL
6th pay commission news: विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल सरकार की तैयारी, जल्द लागू होगा छठा वेतन आयोग – himachal pradesh govt is preparing to release new pay scale on recommendation of 6th pay commission news

शिमला
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को पंजाब के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर नया वेतनमान देने जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों की सभी केटिगरी और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन देने के लिए सरकार पर 5000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ आएगा।
इससे पहले पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने का फैसला लिया था। कुछ समय पहले ही हिमाचल में विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार से छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की दबाव बनाया था। विधायक आशा कुमारी ने कहा था कि सरकार पंजाब की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा करे।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को पंजाब के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर नया वेतनमान देने जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों की सभी केटिगरी और रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन देने के लिए सरकार पर 5000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ आएगा।
इससे पहले पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने का फैसला लिया था। कुछ समय पहले ही हिमाचल में विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार से छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की दबाव बनाया था। विधायक आशा कुमारी ने कहा था कि सरकार पंजाब की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा करे।
आशा कुमारी ने विधानसभा में एक चर्चा के दौरान कहा था कि पंजाब सरकार ने सोमवार को पेश अपने बजट में इस संबंध में घोषणा की है लेकिन हिमाचल के बजट दस्तावेज में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन को आश्वासन दिया था कि जब पंजाब ऐसा कदम उठाएगी तो हिमाचल सरकार भी इन सिफारिशों को लागू करेगी।
हिमाचल प्रदेश में पौने दो लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी हैं, जबकि करीब 25 हजार कॉन्ट्रैक्ट बेस पर हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां के कर्मचारी जिस तरफ होते हैं, उसी दल की सरकार बनती है। ऐसे में चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों को नाराज करने का हिमाचल सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है।