Delhi-Mumbai Freight Corridor Land Acquisition Scam: More Than 500 Owners Of Just 100 Meters Land – दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर जमीन अधिग्रहण घोटाला: 100 मीटर जमीन पर SDM समेत करीब 500 दावेदार

हाइलाइट्स:
- दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण घोटाले में हो रहे नए खुलासे
- जमीन अधिग्रहण घोटाला: एसडीएम को 24 मार्च तक छुट्टी पर भेजा गया
- 100 मीटर जमीन में करीब 496 हिस्सेदार हो गए, वहीं 15 एकड़ में 20 हिस्सेदार बन गए
- 496 हिस्सेदारों का मुआवजा साढ़े 22 करोड़ रुपये हुआ तो रेलवे अधिकारियों को बात खटकी
- जांच शुरू हुई तो पूरा मामला परत दर परत खुलता चला गया
यूपी के दादरी से शुरू हो रहे रेलवे के दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में सामने आए घोटाले के मामले में एसडीएम की भूमिका की भी जांच हो रही है। जमीन के टुकड़ों के खरीदारों में एसडीएम के रिश्तेदार, स्टाफ के कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी व अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। एसडीएम को 24 मार्च तक छुट्टी पर भेज दिया गया है। जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है। पता चला है कि यहां 100 मीटर जमीन के लिए करीब 500 लोगों को मालिक बना दिया गया।
आंकड़े देख चकरा जाएगा सिर
असावटी, मेधापुर, लाडपुर, जटौला, ततारपुर व पृथला गांव की 15 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसमें भी जमीन को काफी लोगों के नाम कर दिया गया। कॉरिडोर मैप के अनुसार 100 मीटर लंबाई की दो पट्टी के लिए भी जमीन का अधिग्रहण किया गया। इस 100 मीटर जमीन में अधिकारियों ने गजब का करिश्मा किया। इस जमीन में करीब 496 हिस्सेदार हो गए जबकि 15 एकड़ में करीब 20 हिस्सेदार हैं। फ्रेट कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन 4 के नोटिस देने का काम 2019 की दिसंबर में शुरू हुआ।
सर्वे के दौरान ही 6 गज, 12 गज, 30 गज जमीन की खरीद शुरू हुई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 100 मीटर लंबी पट्टी में 496 हिस्सेदारों का मुआवजा साढ़े 22 करोड़ रुपये हो गया। मुआवजे की यह राशि रेलवे अधिकारियों को खटक गई। इसकी जांच शुरू हुई तो पूरा मामला परत दर परत खुलता चला गया। इन 496 हिस्सेदारों में एसडीएम स्टाफ के कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी और उनके परिचितों के नाम शामिल किए गए।
दूसरे जिलों में भी सामने आ सकता है जमीन खरीद घोटाला
डीआरओ ने दर्ज किया ऐतराज
अवॉर्ड घोषित करने के दौरान डीआरओ रामफल कटारिया ने आपत्ति जताई थी। मामला शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। डीआरओ के हवाले से बताया गया कि इस बारे में एसडीएम को जांच के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी और अवॉर्ड जारी कर दिया। इसके जारी होने के साथ ही रेलवे अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी।
मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं की गई है। इसके आने के बाद ही पता चल पाएगा कि इस मामले में कौन-कौन शामिल हैं। जांच अवॉर्ड घोषित होने की नहीं बल्कि जमीन के हिस्सेदारों की संख्या की जा रही है।
सतेन्द्र दूहन,एडीसी
एसडीएम भेजे गए छुट्टी पर
मामले की जांच शुरू होते ही एसडीएम कंवर सिंह को 24 मार्च तक के लिए छुट्टी पर भेज दिया या है। एसडीएम का चार्ज सीआईओ जिला परिषद अमित गुलिया को सौंपा गया है। वहीं मामले की जांच कर रहे एडीएस सतेन्द्र दूहन भी दो दिन की छुट्टी चले गए हैं। शनिवार को भी मामले की जांच जारी रही। अधिकारी और कर्मचारी रेकॉर्ड खंगालते रहे।